औरशीघ्रपतन (shighrapatan) की दवा, शीघ्रपतन (shighrapatan) का इलाज

शीघ्रपतन के आयुर्वेदिक इलाज, शीघ्रपतन आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे

शीघ्रपतन (shighrapatan) की दवा, शीघ्रपतन (shighrapatan) का इलाज

शीघ्रपतन के आयुर्वेदिक इलाज, शीघ्रपतन आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे

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शीघ्रपतन (shighrapatan)

शीघ्रपतन क्या है? शीघ्रपतन की परिभाषा ( What is shighrapatan, Define shighrapatan)

शीघ्रपतन (shighrapatan) की ठीक ठीक परिभाषा करना कठिन है. हमें मिलने वाले हज़ारों इमेल्स में हमें यह प्रश्न पूछा जाता है की कितनी अवधि में वीर्यपात हो जाने को शीघ्रपतन (shighrapatan) होना कहा जायेगा यानी कितनी अवधि तक वीर्यपात न होना अच्छी स्तम्भन शक्ति माना जायेगा ? इस प्रश्न का कोई निश्चित उत्तर नहीं हो सकता क्यूंकि अलग अलग व्यक्ति की यौन क्षमता अलग अलग होती है और यौन-क्रिया करते समय स्त्री-पुरुष की शारीरिक व् मानसिक स्थिति अलग अलग होती है और इन सब का प्रभाव भी अलग-अलग प्रकार से पड़ता है जिससे पुरुष की स्तम्भन शक्ति प्रभावित होती है.

शीघ्रपतन की पहली स्थिति (First scenario/example of Shighrapatan )

यदि कोई पुरुष किसी स्त्री का ध्यान करे या यौन क्रिया का विचार करे या अश्लील दृश्य देखे और इतने मात्र से उसका वीर्यपात हो जाए तो इसे स्पष्ट रूप से शीघ्रपतन (shighrapatan) माना जायेगा.

शीघ्रपतन की दूसरी स्थिति (Second scenario/example of Shighrapatan )

इसी तरह पुरुष यदि यौन क्रिया शुरू करते ही वीर्यपात कर दे तो इसे भी शीघ्रपतन (shighrapatan) माना जायेगा. इसी तरह यौन क्रिया शुरू करने के एक-आधा मिनिट में ही वीर्यपात हो जाता है तो यह भी शीघ्रपतन माना जायेगा.

शीघ्रपतन की तीसरी स्थिति (Third scenario/example of Shighrapatan)

तीसरी स्थिति तब होती है की यदि स्त्री चरमोत्कर्ष यानी तृप्ति की स्थिति तक पहुंचे इसके पहले ही पुरुष का वीर्यपात हो जाए तो इसे भी एक तरह का शीघ्रपतन (shighrapatan) ही माना जायेगा. पुरुष में इतनी स्तम्भनशक्ति होनी ही चाहिए की जब तक स्त्री स्खलित न हो जाये और वो तृप्ति का अनुभव न कर ले तब तक पुरुष का वीर्यपात नहीं होना चाहिए.

शीघ्रपतन की दवा , शीघ्रपतन का इलाज (Shighrapatan ki dawa, Shighrapatan ka ilaj )

अब हम शीघ्रपतन (shighrapatan) की कुछ आयुर्वेदिक दवाओं का विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं जो निम्नलिखित है :-

१) शीघ्रपतन (shighrapatan) की पहली दवा , शीघ्रपतन का पहला इलाज - शतावरी , गोखरू, बीजबंद, बंशलोचन, शीतलचीनी, चोपचीनी, कौंच के शुद्ध छिलकारहित काले बीज, सफ़ेद मूसली, स्याह मूसली, सौंठ, पीपल, कालीमिर्च, विदारीकंद , सालम मिश्री - सब 50 -50 ग्राम. सबको अलग अलग कूट पीस कर मिला लें व् 350 ग्राम पीसी मिश्री मिला लें. सुबह शाम एक -एक चम्मच चूर्ण फांक कर ऊपर से मीठा दूध पियें.

२) शीघ्रपतन (shighrapatan) की दूसरी दवा , शीघ्रपतन का दूसरा इलाज - गिलोय सत्व, अभ्रक भस्म, बंग भस्म , छोटी इलायची और पीपल - सब 10 -10 ग्राम. सबको खरल में कूट पीस कर मिला लें और 40 पुड़िया बना लें. सुबह शाम एक एक पुड़िया शहद में मिला कर चाट लें और ऊपर से ठंडा किया हुआ दूध पी लें.

3) शीघ्रपतन (shighrapatan) की तीसरी दवा, शीघ्रपतन का तीसरा इलाज - अकरकरा , सौंठ, पीपल, लौंग , केसर, जायफल, जावित्री, सफ़ेद चन्दन - सब 10 -10 ग्राम . सबको अलग अलग कूट पीस कर मिला लें और 40 पुड़िया बना लें. सुबह शाम एक एक पुड़िया शहद में मिला कर चाट लें और ऊपर से ठंडा किया हुआ दूध पी लें.

शीघ्रपतन(shighrapatan) के लिए कुछ और आयुर्वेदिक औषधियां निम्नलिखित हैं :-

यदि ऊपर लिखे शीघ्रपतन के घरेलु नुस्खे तैयार न कर सकें तो शीघ्रपतन की निम्नलिखित आयुर्वेदिक दवाइयां बाजार से ला कर सेवन कर सकते हैं -> काम चूड़ामणि रस, सिद्ध मकरध्वज और वीर्य शोधन वटी 1 -1 गोली. तीनो सुबह शाम एक साथ दूध के साथ लें. घंटे भर बाद गोक्षुरादि चूर्ण 1 -1 चम्मच पानी के साथ फांक लिया करें. भोजन के बाद सुबह शाम अश्वगंधारिष्ट और बालारिष्ट 4 -4 चम्मच पानी में मिला कर पी लिया करें.

 

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