Male Baldness and Ayurveda

Ayurveda remedies for male baldness in hindi, सिर के बाल झड़ने व् गंजेपन के आयुर्वेदिक इलाज हिंदी में

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Ayurveda remedies for male baldness in hindi, सिर के बाल झड़ने व् गंजेपन के आयुर्वेदिक इलाज हिंदी में

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Ayurveda Home Remedies for Hairloss and Baldness

सिर के बालों

के उड़ने, झड़ने और सफ़ेद होने की समस्या गत कई वर्षों में काफी बढ़ गयी है जिसका कारण आजकल का बदला हुआ खानपान व् रहन-सहन है. जिनकी दिनचर्या, आहार-विहार व् आचार-विचार प्रकृति के नियमों के अनुकूल नहीं हैं उन्ही के सामने बालों की समस्या उपस्थित होती है या फिर उनके सामने जिनके वंश में ऐसी समस्याएँ रही होती हैं और वे पैतृक प्रभाव से जल्दी बाल उड़ने, झड़ने व् सफ़ेद होने की समस्याओं से ग्रस्त हो जाते हैं. जो भी हो, बालों की समस्याओं से ग्रस्त व्यक्ति को एक बात ध्यान में रखना होगी की यह समस्या आसानी से या तुरत-फुरत नहीं सुलझायी जा सकती की कोई विशेष तेल (hair oil ) का प्रयोग करने से काम बन जायेगा. बाल उड़ना या झड़ना रोकना हो, या बालों का सफ़ेद होना रोकना हो, इसके लिए सतत रूप से ३-४ महीने तक, धैर्यपूर्वक आवश्यक उपाय करने होंगे. साथ ही उन सभी कारणों को भी त्यागना होगा जो ये सभी समस्याएँ उत्पन्न करते हैं. ऐसे ही कुछ प्रभावकारी उत्तम उपाय यहाँ प्रस्तुत किये जा रहे हैं.

सबसे पहला उपाय यह है की दिनचर्या और मानसिक स्थिति को ठीक रखना. प्रातः सूर्योदय से पहले शौच और स्नान से निवृत हो जाना चाहिए. रात को देर तक जागना, सिर में रोज़ाना तेल न लगाना, पेट में हमेशा एसिडिटी बने रहना, कब्ज़ बानी रहना व् शाम को शौच न करना, सुबह देर तक सोये रहना, बहुत ज़्यादा मानसिक चिंता व् तनाव बना रहना, बहुत अधिक शोक से व्याकुल रहना, आदि कारणों से बाल झड़ने व् पकने की समस्या उठ कड़ी होती है. इन कारणों से बालों की समस्या होती हैं इसलिए इन कारणों को दूर करना इस समस्या समाधान का पहला उपाय है. इन कारणों के रहते किसी भी बढ़िया से बढ़िया केश तेल के लगाने या कोई अन्य उपाय करने से बाल उड़ना, झड़ना व् सफ़ेद होना बंद नहीं हो सकता. अतः इन सब कारणों को दूर कर निम्नलिखित उपाय करें.

बालों को धोने के लिए किसी भी प्रकार के साबुन या सेंथेटिक शैम्पू का प्रयोग न करें. खेत या बाग़ बगीचे की काली मिटटी का बड़ा टुकड़ा एक कटोरा पानी में डाल कर गला दें. जब मिटटी अच्छी गल जाये तब हाथ से मसल कर कपडे से पानी छान लें और इस पानी को सिर के बालों में खूब अच्छी तरह लगा कर बाल गीले करें व् मसलें और साफ़ पानी से धो लें. इस प्रयोग से एक-एक बाल अलग-अलग होकर ऐसे खिल उठता है जैसे शैम्पू से धोया हो.

सिर धोने के बाद बालों को खूब अच्छी तरह सुखाना बहुत ज़रुरु होती है ताकि बालों में बिलकुल भी गीलापन या नमी न रहे. इसके बाद बालों की जड़ों में, अँगुलियों से तेल लगाकर हलके हलके मालिश करना चाहिए. यह काम रात को सोने से पहले किया जा सकता है पर रोज़ाना तेल लगाना अत्यंत आवश्यक है. सबसे अच्छा नारियल तेल होता है.गर्मी में चमेली का तेल और शीतकाल में बादाम या सरसों कटेल लगाना चाहिए. नारियल का तेल किसी भी ऋतू में लगाया जा सकता है.
सप्ताह में १-२ बार रात को सोते समय, नाक में दोनों तरफ षडबिन्दु तेल की २-२ बून्द टपकाना चाहिए. गर्मियों के दिनों में सप्ताह में दो बार, मेहंदी गला कर पैरों के तलवों में सोते समय लगाएं और सुबह स्नान करते समय धो लें.

biovatica .com के एक अन्य आर्टिकल में बालों के लिए एक नुस्खा प्रकाशित किया गया था जिसे कई लोग आज भी सप्ताह या महीने में एक बार प्रयोग करते आ रहे हैं. वह नुस्खा इस प्रकार है - कॉफ़ी (coffee ) पाउडर, दही, निम्बू का रस, पिसा कत्था, ब्राह्मी बूटी का चूर्ण, सूखे आंवले और पोदीने का चूर्ण - ये सब १-१ चम्मच और सूखी पीसी हुई मेहंदी १ कप - सबको पानी में डाल कर दो घंटे तक गलने दें. पानी इतना ही लें की घोल गाढ़ा रहे और बालों में लेप किया जा सके. स्नान से दो घंटे पहले इस लेप को बालों में खूब अच्छी तरह लगा लें जैसे मेहंदी लगते हैं. महिलाएं बालों को लपेट कर सिर पर जूड़ा सा बना लें. दो घंटे बाद स्नान करते समय बालों को धो डालें. बालों को खूब अच्छी तरह से सूखा कर नारियल का तेल लगा कर खूब मसलें और चोटी या जूड़ा बना लें. बालों को कस कर न बाँधा करें.

बालों में रुसी व् खुश्की न होने दें. आहार में गाजर का रस, गाजर का सलाद, गाजर का हलवा, निम्बू, टमाटर का रस, आंवला, अंकुरित अन्न , ताज़ा दही, शहद, चुने का पानी, बादाम, संतरा, केला, सेबफल आदि का उचित मात्रा में और विधिपूर्वक सेवन करते रहें ताकि शरीर में कैल्शियम तथा लोह तत्व की कमी न रहे और बाल घने, काले और लम्बे बने रहें.

बालों की होमियोपैथिक चिकित्सा

बालों की होमियोपैथिक चिकित्सा के नुस्खे में चार दवाइयां हैं - १) एब्रोटेनम (Abrotanum ) २) सियथोनस (Ceanothus ) ३) लाइकोपोडियम ( Lycopodium ) और ४) रोज मरिनस (Rosemarinus ) - चारों दवाएं ३० शक्ति के टिंचर के रूप में लेकर मिला लें और एक शीशी में भर लें और एयर टाइट ढक्कन लगा कर रखें. पहली खुराक सुबह जल्दी उठ कर बिना मुंह साफ़ किये, आधा कप पानी में १० बून्द टपका कर पी लें और थोड़ी देर के लिए सो जाएँ. दूसरी खुराक रात को सोते समय इसी तरह लें. सियानोथस को अलग से 1X शक्ति में लेकर , अँगुलियों से बालों की जड़ों में लगाकर सोते समय मालिश करें.