vasavaleha uses in hindi,वासावलेह के फायदे और बनाने की विधि

वासावलेह के फायदे, घटक द्रव्य, निर्माण विधि, मात्रा और सेवन विधि.

vasavaleha uses in hindi,वासावलेह के फायदे और बनाने की विधि

वासावलेह के फायदे, घटक द्रव्य, निर्माण विधि, मात्रा और सेवन विधि.

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वासावलेह (vasavaleha )

वासावलेह के घटक द्रव्य , निर्माण विधि, मात्रा व् सेवन विधि तथा स्वास्थ्य लाभ (vasavaleha ingredients , preparation method , quantity and dosage , and health benefits )
vasavaleha

वासावलेह के घटक द्रव्य (ingredients of vasavaleha ) - अडूसे के पत्ते ४०० ग्राम. हरड़ का चूर्ण २५० ग्राम, शक्कर ४०० ग्राम, बंशलोचन १५ ग्राम, पीपल १० ग्राम, दालचीनी, तेजपात, इलायची और नागकेसर ५-५ ग्राम . शहद ३० ग्राम.

वासावलेह निर्माण विधि ( vasavaleha preparation method ) - अडूसे के पत्ते चार लीटर पानी में डाल कर उबालें. जब पानी एक लीटर बचे तब उतार कर छान लें. इसमें हरड़ का बारीक़ पिसा चूर्ण और शक्कर डाल कर हलकी आंच पर रख कर पकाएं. जब गाढ़ा होने लगे तब उतार कर इसमें सब दवाइयां (बंसलोचन आदि) बारीक़ पीस कर डाल दें और अच्छी तरह हिला चला कर मिला लें. बिलकुल ठंडा करके शहद मिला लें. कुछ चिकित्सक इसमें बहेड़ा और हल्दी पीसकर ५-५ ग्राम वज़न में मिलते हैं. इससे कफ बड़ी आसानी से बाहर निकल आता है.

वासावलेह मात्रा व् सेवन विधि (vaasavleh quantity and dosage ) - एक या दो चम्मच, सुबह शाम चाट कर कुनकुना गर्म दूध पियें.

वासावलेह के स्वास्थ्य लाभ (advantages and health benefits of vaasavleha ) - वासावलेह सूखी और गीली खांसी, श्वास कष्ट, रक्त पित्त, उदर रोग, गुल्म, प्यास, पीनस , कब्ज़ और बच्चों की काली खांसी में लाभ करता है. वासावलेह इसी नाम से बना बनाया बाज़ार में मिलता है.