Ghutno ka Dard, घुटनों का दर्द

घुटनों का दर्द , घुटने के दर्द के आयुर्वेदिक इलाज , (ghutno ka dard , knee pain ayurveda treatments in hindi )

Ghutno ka Dard, घुटनों का दर्द

घुटनों का दर्द , घुटने के दर्द के आयुर्वेदिक इलाज , (ghutno ka dard , knee pain ayurveda treatments in hindi )

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घुटनो का दर्द (ghutno ka dard , knee pain in hindi )
ghutno ka dard

आजकल बच्चों से लेकर बूढी आयु वाले स्त्री-पुरुषों में , घुटनों के दर्द से पीड़ित रोगी पाए जा रहे हैं. ऐसे रोगी किसी ख़ास आयु वर्ग के नहीं बल्कि किसी भी आयु के पाए जा रहे हैं. घुटने का दर्द होने पर एक या अनेक लक्षण पाए जा सकते हैं. इन लक्षण या लक्षणों के अनुसार होम्योपैथिक दवा का चुनाव किया जाता है.

घुटनो का दर्द के लक्षण (symptoms of ghutno ka dard , knee pain ) - (१) घुटने या घुटनो में दर्द होने पर सुबह सो कर उठने पर घुटने में जकड़न होना.
(२) - घुटना मोड़ने पर चटकने की आवाज़ होना.
(३) - घुटनो को पूरी तरह मोड़ न पाना.
(४) घुटनो पर सूजन होना.
(५) - घुटनो पर लाली होना व् असहनीय दर्द होना.

घुटनो का दर्द के कारण (causes of ghutno ka dard , कॉसेस ऑफ़ knee pain in hindi ) - (१) दर्द होने का एक सामान्य कारण होता है चोट लगना. यह चोट तत्काल लगी हो या वर्षों पहले लगी हो, अंदरूनी चोट हो या बाहरी, हड्डी में लगी हो या घुटने की कटोरी में या मांसपेशियों एवं तंतुओं (लिगामेंट्स ) में लगी हो तो दर्द होने का कारण होती है.
(२) कैल्शियम की कमी जो शुद्ध और पौष्टिक आहार के अभाव के कारण होता है.
(३) फ़्लोरिन युक्त, हानिकारक खनिज तत्व या कीटनाशक रसायनो से दूषित पानी का सेवन करना.
(४) वायरल का प्रभाव होना.
(५) गठिया या अन्य वात रोग होना जो ज्यादातर प्रौढ़ एवं वृद्ध अवस्था में होते हैं.
(६) अनियमित और अव्यवस्थित दिनचर्या, शारीरिक श्रम का अभाव, व्यायाम या योगासनों का अभ्यास न करना, सुबह या शाम टहलने के लिए न जाना आदि जिससे हड्डी के जोड़ों में जकड़न होती है व् दर्द होता है.
(७) शरीर पर बहुत ज्यादा मोटापा होना जिससे घुटनो के जोड़ पर बहुत दबाव पड़ता है.

घुटनो का दर्द की चिकित्सा (treatment of ghutno ka dard , knee pain in hindi ) - (१) चोट लगने से होने वाला दर्द , चोट नयी हो या पुराणी - अर्निका - ३०
(२) लकवे के समान जकड़न एवं सुन्नपन होना - बर्बेरिस वल्गैरिस - ३०
(३) जरा भी हिलने-डुलने से असहनीय दर्द होना - ब्रायोनिया -३०.
(४) कैल्शियम की कमी के कारण सुन्नपन हो - केल्केरिया फॉस - ३०
(५) - घुटने से चटकने की आवाज़ आना और साफ़ मौसम में ज्यादा कष्ट होना - कास्टिकम -३०
(६) मांसपेशियों में तनाव के साथ घुटने में दर्द होना - युपेटोरियम पर्फ़ - ३०
(७) सूजन के साथ घुटने में दर्द होना जिसमे गरम पानी से राहत मिलना - लिथियम कार्ब - ३०
(८) - चलना प्रारम्भ करने या पैर हिलाने से अत्यधिक दर्द होना फिर धीरे धीरे दर्द कम होते जाना - रस टाक्स -३०
(९) घुटनो और उँगलियों पर मटर के आकार की गाँठ हो जाना - आर्टिका युरेन्स - ३०.

सेवन विधि - किसी भी दवा की ५-६ गोलियां , दिन में चार बार, मुंह में डालकर चूसना चाहिए. दवा लेने के १५ मिनिट बाद तक कुछ खाना पीना नहीं चाहिए. मुख्य ९ लक्षणों के अलावा अन्य लक्षणों के आधार पर अनुकूल दवा का चुनाव कर सेवन करा-कराया जाता है. लक्षण का चुनाव जितना सही होगा दवा उतनी ही ज्यादा असर व् लाभ करने वाली सिद्ध होगी.

होम्योपैथिक आर्क ने कई रोगियों पर अनुसंधान कर पांच दवाओं के मिश्रण को सभी प्रकार के जोड़ों के दर्द को बहुत गुणकारी पाया है. इस मिश्रण को jointoArc नाम दिया है. ये पांच दवाएं हैं - अर्निका - ३०, ब्रायोनिया ३०, केल्केरिया फास - ३०, युपेटोरियम पर्फ़ - ३० और लिथियम कार्ब -३० को समान मात्रा में मिलाया जाता है. इसके सेवन से सभी प्रकार के जोड़ों के दर्द, सूजन, जकड़न आदि व्याधियां दूर होती हैं.

इसी प्रकार गठिया वात (बाय) (रूमेटाइड आर्थराइटिस ) के कारण होने वाले घुटनो या जोड़ों के दर्द के लिए बर्बेरिस वल्गैरिस - ३०, ब्रायोनिया - ३०, कास्टिकम -३०, रस टाक्स - ३० एवं आर्तिका युरेन्स - ३० को समान मात्रा में मिलाया गया मिश्रण बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ है. इसे RheumatoArc नाम दिया गया है.